New Delhi : गुरुवार शाम नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ऐसा मंजर देखने को मिला, जिसने हर किसी का दिल दहला दिया। हजारों लोग महाकुंभ मेले की यात्रा के लिए स्टेशन पर जुटे थे। घर छोड़कर, अपनी आस्था की डोर पकड़े ये श्रद्धालु अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन किसे पता था कि उनकी यह यात्रा मौत की राह पर ले जाएगी।
शाम करीब 8 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर अचानक भीड़ इतनी बढ़ गई कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया। ट्रेन आने की घोषणा हुई और लोग जल्दीबाजी में आगे बढ़ने लगे। अफरा-तफरी मच गई। किसी को रास्ता नहीं मिल रहा था, किसी के पैरों के नीचे कोई दबा हुआ था, तो कोई खुद गिरकर मदद की गुहार लगा रहा था। देखते ही देखते भगदड़ मच गई।
इस हादसे में 18 मासूम जिंदगियां हमेशा के लिए बुझ गईं। इनमें 11 महिलाएं, 2 पुरुष और 5 छोटे बच्चे शामिल थे। कितनी ही माओं की गोद सूनी हो गई, कितने घरों के चिराग बुझ गए। घायल लोगों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कुछ की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है।
रेलवे प्रशासन ने माना कि महाकुंभ के कारण यात्रियों की संख्या उम्मीद से कहीं ज्यादा थी। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन भीड़ का ऐसा सैलाब उमड़ेगा, यह किसी ने सोचा नहीं था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की यह घटना बेहद दुखद है। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह हादसा हम सभी के लिए एक चेतावनी है कि भीड़भाड़ वाले धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करना कितना जरूरी है। श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करना आवश्यक है, लेकिन उनकी सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
फिलहाल, स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अस्पतालों में घायलों के इलाज की विशेष व्यवस्था की गई है।
इस दुखद घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हर किसी की जुबां पर बस यही दुआ है कि घायल जल्द ठीक हो जाएं और फिर कभी किसी परिवार को ऐसा दर्द न सहना पड़े।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: मृतकों की पहचान हुई
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए दर्दनाक हादसे में जिन 18 लोगों की मौत हुई, उनकी पहचान कर ली गई है। इनमें 9 लोग बिहार के, 8 दिल्ली के, और 1 हरियाणा का निवासी था।
मृतकों की पूरी सूची:
- सुरुचि (11 वर्ष), पिता मनोज शाह, निवासी – मुजफ्फरपुर, बिहार
- कृष्णा देवी (40 वर्ष), पति विजय शाह, निवासी – समस्तीपुर, बिहार
- विजय साह (15 वर्ष), पिता राम सरूप साह, निवासी – समस्तीपुर, बिहार
- नीरज (12 वर्ष), पिता इंद्रजीत पासवान, निवासी – वैशाली, बिहार
- शांति देवी (40 वर्ष), पति राज कुमार मांझी, निवासी – नवादा, बिहार
- पूजा कुमार (8 वर्ष), पिता राज कुमार मांझी, निवासी – नवादा, बिहार
- संगीता मलिक (34 वर्ष), पति मोहित मलिक, निवासी – भिवानी, हरियाणा
- पूनम (34 वर्ष), पति वीरेंद्र सिंह, निवासी – महावीर एन्क्लेव, दिल्ली
- ममता झा (40 वर्ष), पति विपिन झा, निवासी – नांगलोई, दिल्ली
- रिया सिंह (7 वर्ष), पिता ओपिल सिंह, निवासी – सागरपुर, दिल्ली
- बेबी कुमारी (24 वर्ष), पिता प्रभु साह, निवासी – बिजवासन, दिल्ली
- मनोज (47 वर्ष), पिता पंचदेव कुशवाहा, निवासी – नांगलोई, दिल्ली
- आहा देवी (79 वर्ष), पति रविंद्र नाथ, निवासी – बक्सर, बिहार
- पिंकी देवी (41 वर्ष), पति उपेंद्र शर्मा, निवासी – संगम विहार, दिल्ली
- शीला देवी (50 वर्ष), पति उमेश गिरी, निवासी – सरिता विहार, दिल्ली
- व्योम (25 वर्ष), पिता धर्मवीर, निवासी – बवाना, दिल्ली
- पूनम देवी (40 वर्ष), पति मेघनाथ, निवासी – सारण, बिहार
- ललिता देवी (35 वर्ष), पति संतोष, निवासी – परना, बिहार
यह सूची पढ़कर हर किसी का दिल भारी हो जाता है। ये नाम केवल एक सूची नहीं, बल्कि टूटे हुए घरों और अधूरे सपनों की गवाही देते हैं। पीड़ित परिवारों को इस दुख की घड़ी में हिम्मत मिले, यही हम सबकी प्रार्थना है।